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त्रिपुरा

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तीखे बयान

  • जनसंख्या: 4184959
  • पुरुष: 2135183
  • महिला: 2049776
  • लोकसभा सीटें: 2
  • राजधानी: अगरतला
  • चरण-1 (मतदान दर) : 81.80
  • चरण-3 (मतदान दर) : 82.40

आपको बता दें कि 21 जनवरी 1972 को त्रिपुरा को राज्य का दर्जा मिला था। नॉर्थ ईस्ट में साल 1972 में कई जगहों को पूरे राज्य का दर्जा मिला था। इस लिस्ट में त्रिपुरा, मेघालय, मणिपुर आदि राज्यों का नाम शामिल है। नॉर्थ ईस्टर्न रिजन री-ऑर्गेनाइजेशन एक्ट 1971 के तहत उस दौरान इन्हें राज्यों का दर्जा मिला था। त्रिपुरा की रियासत के आखिरी शासक किरीत बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर देबबर्मा थे। उन्होंने साल 1949 तक शासन किया था। जिसके बाद 9 सितंबर 1949 को त्रिपुरा रियासत का भारत गणराज्य में विलय कर दिया गया। इसके बाद 1 जुलाई 1963 को त्रिपुरा एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया। वहीं 21 जनवरी 1972 को त्रिपुरा को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ।

जातीय समीकरण

साल 1951 में त्रिपुरा में केवल लगभग 5,000 ईसाई थे। लेकिन वर्तमान समय में यहां पर यह संख्या 1.6 लाख है। साल 1981 के बाद और विशेष रूप से पिछले दो दशकों के दौरान यह वृद्धि हुई है। त्रिपुरा में 31 फ़ीसदी आबादी आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती है। वहीं राज्य में करीब 9 फीसदी मुस्लिम आबादी है। त्रिपुरा हिंदू बहुसंख्यक राज्य है। वहीं राज्य की वर्तमान जनसंख्या की बात करें तो साल 2023 में त्रिपुरा की अनुमानित जनसंख्या 4,184,959 है। जिसमें पुरुषों की अनुमानित जनसंख्या 2,135,183 और महिलाओं की अनुमानित जनसंख्या 2,049,776 है।

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