प्रधानमंत्री मोदी की बोयोपिक की स्क्रीनिंग चुनावी संतुलन को एक ओर झुका देगी- EC

शीर्ष न्यायालय ने 15 अप्रैल की सुनवाई में चुनाव आयोग को अपने पहले के आदेश पर फिर से विचार करने और बायोपिक देखने के बाद उसकी रिलीज पर देश भर में प्रतिबंध लगाने पर एक फैसला करने का निर्देश दिया था।
नयी दिल्ली। चुनाव आयोग ने 19 मई को चुनाव समाप्त होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक की रिलीज का विरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय से कहा है कि यह (बायोपिक) एक संतचरित है, जिसमें विषय के प्रति अनावश्यक भक्ति दिखाई गई है और चुनाव प्रचार के दौरान इसकी सार्वजनिक स्क्रीनिंग चुनावी संतुलन को एक ओर झुका देगी। चुनाव आयोग ने अभिनेता विवेक ओबराय अभिनीत फिल्म ‘‘पीएम नरेंद्र मोदी’’ पर प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की पीठ को 20 पृष्ठों की अपनी एक रिपोर्ट सौंपी है। आयोग ने रिपोर्ट में कहा है कि ‘बायोपिक’ में एक ऐसा राजनीतिक माहौल तैयार किया गया है, जिसमें एक व्यक्ति की महिमा का गुणगान किया गया है और चुनाव आचार संहिता लागू रहने के दौरान इसकी सार्वजनिक स्क्रीनिंग एक खास राजनीतिक पार्टी को फायदा पहुंचाएगी।
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